हिमंत बिस्वा सरमा बोले: कोई मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका पति 3 और पत्नियां घर लाए, यूनीफॉर्म सिविल कोड जरूरी

असम में मुस्लिम समुदाय का एक धर्म है, लेकिन संस्कृति और मूल के दो अलग-अलग वर्ग हैं। उनमें से एक असम का मूल निवासी है और पिछले 200 वर्षों में प्रवास का कोई इतिहास नहीं है।

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